बात तो चुभेगी

नरेश मिश्र
कहीं दीवाली कहीं अंधेरा
आप सबको दीवाली की एडवांस बधाई । हम बताते हैं कि दीवाली पर कहां अंधेरा होगा और कहां रोशनी चमकेगी। महाअघाड़ी सरकार में दीवाली पर रोशनी होगी। एनसीबी के जोनल डॉयरेक्टर समीर वानखेड़े को अंधेरे का सामना करना पड़ सकता है। नवाब मलिक महाराष्ट्र के खरे नवाब हैं। उनके मन में क्या है कोई बूझ नहीं सकता।उनके मन में दलित प्रेम उमड़ रहा है या वे मुसलमानों की तादात बढ़ाना चाहते हैं। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे उनके पिछलग्गू महसूस होते हैं। अयोध्या में योगी जी काबुल नदी के जल से भगवान राम का अभिषेक कर रहे हैं ।अयोध्या में मौसम माफिक रहा तो दीवाली के नौ लाख दीए जगमगाएंगे।लेकिन काबुल की हिंदू लड़कियों का मन अंधेरे में डूब जाएगा। योगी जी को अपनी जबान पर काबू रखना चाहिए।.शब्द सम्हारे बोलिए शब्द के हाथ न पांव। एक शब्द औषधि करे एक शब्द करे घाव। काबुल में बैठी हिंदू लड़की का इस तरह प्रचार करना ठीक नहीं है।पाकिस्तान में वैसे भी हिंदू लड़कियों का अपहरण और धर्म परिवर्तन किया जा रहा है।सिंध में हिंदू मंदिरों की लूटपाट हो रही है।हम ये सारा नजारा देखने के लिए मजबूर हैं।हरदोई में अखिलेश यादव ने जिन्ना की तुलना पंडित नेहरू सरदार पटेल से कर दी।आगामी विधानसभा चुनाव में उनकी दीवाली जगमग हो सकती है। पहली बार हमें वोट के लालचियों पर उबकाई आ रही है।अगर यही लोकतंत्र है तो हम इसे कैसे बरदाश्त कर सकते हैं। अखिलेश यादव यूपी को पाकिस्तान का हिस्सा बनाना चाहते हैं।वे अल्पसंख्यकों को आकर्षित करने के लिए कीचड़ में कूदने को तैयार हैं। उनकी उमर बहुत कम है। वे राजनीति में नाबालिग हैं। उन्होंने इंजीनियरिंग पढ़ी लेकिन वह भी काम न आई। इतिहास पढ़ने का उनको मौका नहीं मिला। हमारी उम्र 88 साल के करीब है। हमने जिन्ना की प्रत्यक्ष कार्रवाई की दिल दहलाने वाली घटना अपनी आंखों देखी है। हमारा जन्मस्थान प्रयागराज जिले का दारागंज मोहल्ला है। यह मोहल्ला हिंदू बहुल है। यहां प्रत्यक्ष कार्रवाई के दिन मुस्लिम आंदोलनकारियों ने एक जुलूस निकाला था । जो मुस्लिम साइकिल का पंचर जोड़ते थे, चिराग बेचते थे, हुक्के की तंबाकू बेचते थे वे भी हाथ में तलवारें लेकर जुलूस में भयंकर अंजाम भुगतने का नारा लगा रहे थे। प्रत्यक्ष कार्रवाई के दौरान बंगाल खासकर कोलकाता में हिंदुओं का नरसंहार हुआ। पता नहीं तब मुल्ला मुलायम सिंह की शादी हुई थी या नहीं।जो अयोध्या पुल पर लौट रहे निर्दोष नागरिकों पर गोली चलवा सकते हैं वह वोट के लिए कुछ भी कर सकते हैं।हमें एक कहानी याद आ गई आप भी सुनिए। एक शेर शिकार खाकर अपनी गुफा के बाहर धूप सेंक रहा था । तभी एक लंबा तगड़ा मोटा बनैला सुअर वहां से निकला।बनैला ने शेर को ललकारा।मुझसे लड़ोगे। शेर ओंघाई में था।उसने कहा तुम अपने रास्ते जाओ।अभी मैं शिकार खा चुका हूं।चार दिन बाद मेरे सामने आना।बनैला ने गरजते हुए कहा तुम हमसे डरते हो। शेर ने जवाब दिया हां मैं डरता हूं। चार दिन बाद आना तो फैसला हो जाएगा।चार दिन बाद बनैला फिर गुफा के पास आया।शेर जोर से गरजा। उसने लंबी छलांग मारते हुए बनैला का पीछा किया।बनैला जान बचाकर भागा।शेर उसके पीछे पड़ा था।पहाड़ की चोटी के नीचे एक गड्ढा था।उसमें तपस्वी लोग मल त्याग करते थे।बनैला अपनी जान बचाने के लिए गड्ढे में कूद गया।शेर चोटी पर पहुंचा तो बनैला ने ललकारा।आओ मेरे पास लड़ लो फैसला हो जाए।शेर ने कहा मैं तुमसे हार मानता हूं।तुम्हारी तरह गंदे गड्ढे में मैं गिर नहीं सकता। अखिलेश यादव को यह कहानी सुनाकर मुझे खुशी हो रही है।देश विभाजन के बाद जिन्ना हमारे लिए खतरे का वॉयस बन गए।उन्होंने कश्मीर पर चढ़ाई की।देश में रहने वाले अल्पसंख्यकों में जहर घोलने की कोशिश की। वही जहर अखिलेश यादव को अमृत लगता है तो हमारी मजबूरी है। नींद में सोते हुए को जगाया जा सकता है। जो जागते हुए सोने का नाटक करता है उसे ऊपर वाला भी होश में नहीं ला सकता।